गुरु पूर्णिमा का नाम लेते हैं... पर क्या जानते हैं इसका मूल कारण? हर साल गुरु पूर्णिमा के दिन हम अपने शिक्षकों और गुरुओं को याद करते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि यह पर्व असल में किसके सम्मान में मनाया जाता है? आज की पीढ़ी में बहुत लोग इसे सिर्फ अपने व्यक्तिगत गुरु या मेंटॉर की पूजा का दिन मानते हैं, लेकिन गुरु पूर्णिमा का वास्तविक महत्व इससे कहीं गहरा है। यह दिन समर्पित है भगवान वेदव्यास जी को, जिनका जन्म इसी दिन हुआ था। गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं? गुरु पूर्णिमा वेदव्यास जयंती है। वेदव्यास जी ने न केवल चारों वेदों का विभाजन किया, बल्कि उन्होंने महाभारत, 18 पुराण, और कई अन्य ग्रंथों की रचना कर भारत की आध्यात्मिक विरासत को अमर कर दिया। वेदव्यास जी को "आदि गुरु" कहा जाता है क्योंकि उन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा को स्थापित किया और ज्ञान को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया। वेदव्यास जी की महानता चारों वेदों का संकलन (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) महाभारत की रचना – जिसमें भगवद्गीता भी सम्मिलित है पुराणों और ब्रह्मसूत्रों की रचना शिष्य परंपरा के माध्यम से ज्ञान का प्रसार उनके ब...